रेलवे ट्रैक पर पबजी खेलते समय तीन किशोर ट्रेन की चपेट में मारे गए

बिहार के बेतिया जिले में एक हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। तीन किशोर रेलवे ट्रैक पर पबजी खेलने में इतने मग्न थे कि उन्होंने अपने आसपास के खतरों को पूरी तरह अनदेखा कर दिया।

उन्होंने इयरफोन लगा रखे थे, जिसकी वजह से वे ट्रेन की तेज़ आवाज़ सुनने में असमर्थ रहे। इस लापरवाही के कारण तेज़ रफ्तार ट्रेन की चपेट में आकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

यह हादसा न केवल किशोरों की असावधानी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि डिजिटल गेम्स की बढ़ती लत युवाओं को कैसे वास्तविकता से दूर कर रही है। पबजी और अन्य ऑनलाइन गेम्स का आकर्षण इतना बढ़ गया है कि किशोर खेल के दौरान अपने आसपास के खतरों को पूरी तरह से भूल जाते हैं। यह घटना परिवार और समाज के लिए एक बड़ा झटका है।

माता-पिता और शिक्षकों के लिए यह एक चेतावनी है कि वे बच्चों के गेमिंग व्यवहार पर नजर रखें। बच्चों को यह सिखाना बेहद जरूरी है कि तकनीक का उपयोग जिम्मेदारी से करें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें। इसके अलावा, प्रशासन और रेलवे विभाग को भी ट्रैक पर सुरक्षा बढ़ाने के उपाय करने चाहिए। चेतावनी बोर्ड, जागरूकता अभियान और सुरक्षा निगरानी जैसी व्यवस्थाएं अनिवार्य हैं ताकि इस तरह के हादसों को रोका जा सके।

यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में डिजिटल गेम्स की लत के दुष्प्रभावों का गंभीर उदाहरण है। यदि इस दिशा में समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे हादसे बार-बार हो सकते हैं। बच्चों और युवाओं को वास्तविकता और जिम्मेदारी का महत्व सिखाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

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