मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। राजधानी में 5 फरवरी 2025 को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनाव के साथ ही दिल्ली में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए प्रचार का बिगुल बज चुका है, और आगामी कुछ हफ्तों में चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमाने की संभावना है।
क्या है चुनाव का शेड्यूल?
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में इस बार भी शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव कराए जाएंगे। मतदाता 5 फरवरी को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी, और उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि दिल्ली की सत्ता पर किसका कब्जा होगा।
चुनाव आयोग ने घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। इसका मतलब है कि अब सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा, और सभी राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
तीनों बड़ी पार्टियों की नजरें सत्ता पर
दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस (INC) के बीच माना जा रहा है।
- AAP: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी अपनी सरकार की नीतियों, जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं को चुनावी मुद्दा बनाएगी। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी, और इस बार भी सत्ता में बने रहने की कोशिश करेगी।
- BJP: भारतीय जनता पार्टी ने हाल के नगर निगम चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया था। पार्टी इस बार दिल्ली में AAP को चुनौती देने के लिए केंद्र की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा कर रही है।
- Congress: कांग्रेस पार्टी, जो पिछले कई चुनावों में कमजोर प्रदर्शन करती रही है, इस बार नए नेतृत्व और रणनीतियों के साथ वापसी की कोशिश कर रही है।
मतदाताओं का रुझान
दिल्ली के चुनाव हमेशा से दिलचस्प रहे हैं, क्योंकि यहां के मतदाता न केवल स्थानीय मुद्दों, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी ध्यान में रखते हैं। इस बार भी बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सुरक्षा और वायु प्रदूषण जैसे मुद्दे अहम रहेंगे।
चुनाव आयोग की तैयारियां
चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। डिजिटल वोटिंग अभियान, नए मतदाताओं को जोड़ने की प्रक्रिया, और बूथ-लेवल सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
क्या कहती है जनता?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का चुनाव बेहद रोमांचक होगा। AAP के पास मजबूत आधार है, लेकिन BJP और Congress भी नई रणनीतियों के साथ मैदान में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना मत देती है।
निष्कर्ष:
5 फरवरी का दिन दिल्ली के भविष्य को तय करने वाला होगा। जनता के हाथ में अब एक बार फिर अपनी राजधानी की तस्वीर बदलने का मौका है। 8 फरवरी को नतीजों के साथ साफ हो जाएगा कि सत्ता की बाजी कौन मारता है।