धनबाद के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्राओं के साथ प्रिंसिपल द्वारा किए गए अशोभनीय व्यवहार ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
गुरुवार को स्कूल में पेन डे का आयोजन किया गया था, जो छात्राओं के लिए एक खास अवसर था। इस दिन छात्राएं एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिखती हैं, जो एक परंपरा के रूप में मनाया जाता है। लेकिन इस दिन को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल ने कड़ा कदम उठाया और करीब सौ छात्राओं की शर्ट उतरवा दी। इसके बाद छात्राओं को सिर्फ ब्लेजर पहनने की अनुमति दी गई और उन्हें ब्लेजर पहनकर ही घर जाने के लिए कहा गया। इस घटना ने न केवल छात्राओं को मानसिक रूप से आहत किया, बल्कि उनके अभिभावकों को भी गहरा आक्रोशित कर दिया।
क्या हुआ था घटना के दिन?
गुरुवार को स्कूल में पेन डे मनाया जा रहा था, जिसमें छात्राओं ने एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिखी थीं। यह परंपरा स्कूल में वर्षों से चली आ रही थी और छात्राओं के बीच खुशी और सुकून का समय होता था। लेकिन इस बार यह परंपरा विवाद का कारण बन गई। स्कूल के प्रिंसिपल को यह कृत्य आपत्ति जनक लगा और उन्होंने छात्राओं को डांटते हुए उनकी शर्ट उतरवाने का आदेश दिया। सिर्फ ब्लेजर पहनने की अनुमति दी गई और छात्राओं को बिना शर्ट के घर भेज दिया गया।
माता-पिता का विरोध
घटना के बाद छात्राओं ने घर जाकर पूरी घटना अपने माता-पिता को बताई, जिनकी प्रतिक्रिया बहुत ही आक्रोशित थी। माता-पिता का कहना था कि यह न केवल अनुशासन का उल्लंघन था, बल्कि यह उनकी बेटियों की गरिमा के साथ भी खिलवाड़ था। इसके बाद शनिवार को अभिभावक एकत्र होकर जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंचे और स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में स्थानीय विधायक रागिनी सिंह भी अभिभावकों के समर्थन में आगे आईं और उन्होंने डीसी कार्यालय में इस मुद्दे को उठाया।
डीसी ने दी कार्रवाई का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त माधवी मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद और शर्मनाक है। इसके साथ ही उन्होंने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो इस मामले की पूरी जांच करेगी। जांच कमेटी द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
विधायक रागिनी सिंह ने जताया विरोध
स्थानीय विधायक रागिनी सिंह ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। विधायक ने कहा कि बच्चों को ऐसे तरीके से शारीरिक रूप से अपमानित किया गया है, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं हो सकता।
अभिभावकों का कहना
अभिभावकों का कहना था कि यह घटना सिर्फ उनके बच्चों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। उन्होंने इस कदम को अनुशासन के नाम पर बच्चों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया। अभिभावकों का मानना था कि अगर स्कूल में अनुशासन लागू करना है, तो उसे सकारात्मक तरीके से किया जाना चाहिए, न कि बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से अपमानित कर।
समाज में गुस्सा और चिंता
यह घटना न केवल धनबाद बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है। कई लोग इस घटना को लेकर स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर जमकर विरोध किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बच्चों के अधिकारों और गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए।
समाज में इस घटना को लेकर गुस्सा है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करेगा।