JDU ने मणिपुर में BJP सरकार से समर्थन वापस लिया, सियासी हलचल तेज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) [JDU] ने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

JDU के इस फैसले से मणिपुर की सियासत गरमा गई है। 60 सदस्यीय विधानसभा में BJP के पास बहुमत के लिए जरूरी 32 सीटें हैं, जबकि JDU के पास 6 सीटें थीं। अब JDU के समर्थन वापसी से BJP पर राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है।

मणिपुर में अशांति के बीच JDU का फैसला

JDU का यह कदम ऐसे समय आया है जब मणिपुर में पिछले दो वर्षों से लगातार हिंसा और अशांति बनी हुई है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर BJP पहले से ही विपक्ष के निशाने पर थी। JDU के इस फैसले को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। JDU नेताओं का कहना है कि मणिपुर में BJP सरकार शांति बहाल करने में विफल रही है, इसलिए पार्टी ने समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।

नीतीश कुमार और BJP के रिश्तों में दरार

नीतीश कुमार की पार्टी का यह फैसला BJP और JDU के बीच संबंधों में और खटास बढ़ा सकता है। पहले भी JDU कई मौकों पर BJP की नीतियों की आलोचना करती रही है। बिहार में भी JDU ने BJP से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी। अब मणिपुर में समर्थन वापसी के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि JDU 2024 के आम चुनावों में BJP के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है।

BJP के लिए मणिपुर में क्या होगा असर?

हालांकि मणिपुर में BJP के पास बहुमत से अधिक सीटें हैं, लेकिन JDU के इस फैसले का राजनीतिक असर जरूर देखने को मिलेगा। JDU के समर्थन वापसी से राज्य में विपक्ष को और ताकत मिल सकती है, जिससे BJP को नए सियासी समीकरणों का सामना करना पड़ सकता है।

अब देखना होगा कि JDU के इस कदम के बाद मणिपुर की राजनीति में और क्या बदलाव आते हैं और BJP इस चुनौती का कैसे सामना करती है।

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