Jharkhand

Jharkhand

भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू को किया जाएगा पर्यटन हब में विकसित,झारखंड में पहली बार स्काई डाइविंग फेस्टिवल का आयोजन, रोमांचक खेलों को मिलेगा बढ़ावा

झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाए बड़े कदम,झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने की तैयारी,पर्यटन मंत्रालय जल्द जारी करेगा स्काई डाइविंग फेस्टिवल का कार्यक्रम झारखंड सरकार राज्य में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। राज्य का पर्यटन विभाग पहली बार स्काई डाइविंग फेस्टिवल आयोजित करने जा रहा है, जो रोमांचक खेलों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा। इसके अलावा, भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू और उनके संघर्ष के प्रतीक डोंबारीबुरु को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है। पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि इन योजनाओं से न केवल राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि झारखंड के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को भी वैश्विक पहचान मिलेगी। सरकार पर्यटन स्थलों को अपग्रेड कर उन्हें और अधिक आकर्षक बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली को किया जाएगा विकसित भगवान बिरसा मुंडा झारखंड के आदिवासी समाज के सबसे प्रमुख नायकों में से एक थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया था। उनकी जन्मस्थली उलिहातू को पर्यटन के लिहाज से और अधिक विकसित किया जाएगा। सरकार ने इस ऐतिहासिक स्थल को पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें एक विशेष प्लेटफॉर्म तैयार करना शामिल है, ताकि अधिक से अधिक लोग यहां आकर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और संघर्ष को समझ सकें। पर्यटन मंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासी संस्कृति के प्रति देश-विदेश से लोग गहरी रुचि रखते हैं, इसलिए सरकार इस स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। सरकार का उद्देश्य है कि यह स्थल झारखंड के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान बनाए। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ा जाएगा पर्यटन सर्किट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार ने एक पर्यटन सर्किट विकसित करने की योजना बनाई है, जिसमें झारखंड के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। इस सर्किट में निम्नलिखित स्थान शामिल किए जाएंगे: पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस पर्यटन सर्किट से झारखंड की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों का मिश्रित अनुभव मिलेगा। इससे राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। झारखंड में पहली बार होगा स्काई डाइविंग फेस्टिवल झारखंड में पहली बार स्काई डाइविंग फेस्टिवल आयोजित होने जा रहा है, जो रोमांचक खेलों में रुचि रखने वालों के लिए एक अद्वितीय अवसर होगा। स्काई डाइविंग एक साहसिक खेल है, जिसमें लोग ऊंचाई से कूदकर पैराशूट की मदद से जमीन पर उतरते हैं। यह आयोजन झारखंड में एडवेंचर टूरिज्म को एक नई दिशा देगा। पर्यटन विभाग जल्द ही इस फेस्टिवल के लिए स्थल और कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी जारी करेगा। सरकार का मानना है कि इस आयोजन से झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इस फेस्टिवल के जरिए राज्य में रोमांचक खेलों को बढ़ावा मिलेगा और युवा पीढ़ी को एडवेंचर स्पोर्ट्स में भाग लेने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, राज्य में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने की संभावना है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के अन्य प्रयास झारखंड सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं: पर्यटन मंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य झारखंड को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जहां देश-विदेश के लोग आकर यहां की संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकें। निष्कर्ष झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम राज्य में पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेंगे। भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली को विकसित करने, ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन सर्किट में जोड़ने और स्काई डाइविंग फेस्टिवल के आयोजन से झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने में सहायता मिलेगी। सरकार की इन पहलों से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। झारखंड अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के माध्यम से पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है।

Jharkhand

धनबाद: छात्राओं से शर्ट उतरवाकर ब्लेजर में घर भेजने पर विवाद, प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग

धनबाद के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्राओं के साथ प्रिंसिपल द्वारा किए गए अशोभनीय व्यवहार ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। गुरुवार को स्कूल में पेन डे का आयोजन किया गया था, जो छात्राओं के लिए एक खास अवसर था। इस दिन छात्राएं एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिखती हैं, जो एक परंपरा के रूप में मनाया जाता है। लेकिन इस दिन को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल ने कड़ा कदम उठाया और करीब सौ छात्राओं की शर्ट उतरवा दी। इसके बाद छात्राओं को सिर्फ ब्लेजर पहनने की अनुमति दी गई और उन्हें ब्लेजर पहनकर ही घर जाने के लिए कहा गया। इस घटना ने न केवल छात्राओं को मानसिक रूप से आहत किया, बल्कि उनके अभिभावकों को भी गहरा आक्रोशित कर दिया। क्या हुआ था घटना के दिन? गुरुवार को स्कूल में पेन डे मनाया जा रहा था, जिसमें छात्राओं ने एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिखी थीं। यह परंपरा स्कूल में वर्षों से चली आ रही थी और छात्राओं के बीच खुशी और सुकून का समय होता था। लेकिन इस बार यह परंपरा विवाद का कारण बन गई। स्कूल के प्रिंसिपल को यह कृत्य आपत्ति जनक लगा और उन्होंने छात्राओं को डांटते हुए उनकी शर्ट उतरवाने का आदेश दिया। सिर्फ ब्लेजर पहनने की अनुमति दी गई और छात्राओं को बिना शर्ट के घर भेज दिया गया। माता-पिता का विरोध घटना के बाद छात्राओं ने घर जाकर पूरी घटना अपने माता-पिता को बताई, जिनकी प्रतिक्रिया बहुत ही आक्रोशित थी। माता-पिता का कहना था कि यह न केवल अनुशासन का उल्लंघन था, बल्कि यह उनकी बेटियों की गरिमा के साथ भी खिलवाड़ था। इसके बाद शनिवार को अभिभावक एकत्र होकर जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंचे और स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में स्थानीय विधायक रागिनी सिंह भी अभिभावकों के समर्थन में आगे आईं और उन्होंने डीसी कार्यालय में इस मुद्दे को उठाया। डीसी ने दी कार्रवाई का आश्वासन घटना की जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त माधवी मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद और शर्मनाक है। इसके साथ ही उन्होंने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो इस मामले की पूरी जांच करेगी। जांच कमेटी द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। विधायक रागिनी सिंह ने जताया विरोध स्थानीय विधायक रागिनी सिंह ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। विधायक ने कहा कि बच्चों को ऐसे तरीके से शारीरिक रूप से अपमानित किया गया है, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं हो सकता। अभिभावकों का कहना अभिभावकों का कहना था कि यह घटना सिर्फ उनके बच्चों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। उन्होंने इस कदम को अनुशासन के नाम पर बच्चों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया। अभिभावकों का मानना था कि अगर स्कूल में अनुशासन लागू करना है, तो उसे सकारात्मक तरीके से किया जाना चाहिए, न कि बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से अपमानित कर। समाज में गुस्सा और चिंता यह घटना न केवल धनबाद बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है। कई लोग इस घटना को लेकर स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर जमकर विरोध किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बच्चों के अधिकारों और गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए। समाज में इस घटना को लेकर गुस्सा है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करेगा।

Jharkhand

रघुवर दास ने भाजपा में वापसी के बाद दिशोम गुरु शिबू सोरेन से की मुलाकात

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास ने झामुमो सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की। भाजपा में दोबारा शामिल होने के बाद रघुवर दास ने शिबू सोरेन को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शिबू सोरेन की पत्नी रूपी सोरेन से भी भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। इस मुलाकात को झारखंड की राजनीति में आपसी सम्मान और सौहार्द्र का प्रतीक माना जा रहा है। रघुवर दास ने इस अवसर पर कहा, “शिबू सोरेन झारखंड की आत्मा हैं। उनका जीवन और योगदान हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। मैं उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।” शिबू सोरेन, जिन्हें झारखंड में दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है, राज्य की राजनीति के सबसे सम्मानित और प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। रघुवर दास का यह कदम व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रुपी सोरेन से आशीर्वाद लेना, रघुवर दास की सामाजिक और राजनीतिक समझदारी को दर्शाता है। यह भेंट झारखंड की राजनीति में सकारात्मकता का संदेश देती है। भाजपा में वापसी के बाद रघुवर दास की यह पहल, झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Jharkhand

सुरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मदनगुंडी टोल प्लाजा पर धरना, स्थानीय वाहनों के लिए टोल मुक्त और रोजगार की मांग।

मदनगुंडी टोल प्लाजा पर टोल वसूली के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों और वाहन चालकों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। इस आंदोलन का नेतृत्व समाजसेवी सुरेंद्र मोदी ने किया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, व्यापारी और वाहन चालक शामिल हुए। धरने में प्रमुख रूप से टोल वसूली के अवैध तरीकों, स्थानीय रोजगार के मुद्दे और टोल बूथों की अनुचित दूरी पर सवाल उठाए गए। समाजसेवी सुरेंद्र मोदी ने आंदोलन के दौरान कहा कि पिछले कई महीनों से स्थानीय प्रशासन और टोल प्राधिकरण से लगातार इस मुद्दे पर बातचीत की जा रही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। सुरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा, “स्थानीय लोगों को टोल से छूट दी जाए, और टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारियों में प्राथमिकता स्थानीय युवाओं को दी जाए। अगर प्रशासन और टोल प्राधिकरण हमारी मांगों को नजरअंदाज करते हैं, तो हमें अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा।” मुख्य मांगें: समाजसेवी सुरेंद्र मोदी का बयान:सुरेंद्र मोदी ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ टोल वसूली के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के अधिकारों, रोजगार के अवसरों और उनके विकास के लिए है। उन्होंने प्रशासन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से अपील की कि वे इस मामले में तुरंत कार्रवाई करें। मोदी ने कहा, “यह हमारे गांव और क्षेत्र के विकास से जुड़ा हुआ सवाल है। हमें अब अपना अधिकार मांगने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है क्योंकि प्रशासन और टोल प्राधिकरण हमारी आवाज को लगातार अनसुना कर रहे हैं।” प्रशासन और टोल प्राधिकरण से अपील:धरने में शामिल लोगों ने प्रशासन से भी अपील की कि स्थानीय निवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन और टोल प्राधिकरण उनकी मांगों को नकारते हैं, तो वे इस आंदोलन को और उग्र करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि टोल प्लाजा पर कार्यरत कर्मचारियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देकर रोजगार के अवसरों का निर्माण किया जाए। आंदोलन का भविष्य:स्थानीय लोग और वाहन चालक इस आंदोलन में लगातार भाग ले रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे जब तक अपनी मांगों को पूरा होते नहीं देखते, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्दी इस पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस धरने ने न केवल टोल वसूली के खिलाफ आवाज उठाई है, बल्कि यह स्थानीय विकास और रोजगार के अधिकारों की भी लड़ाई बन चुकी है।

Jharkhand

भाजपा किसान मोर्चा बोकारो जिला की बैठक आयोजित, संगठन पर्व सदस्यता अभियान को लेकर बनी रणनीति

बोकारो: भाजपा किसान मोर्चा द्वारा संगठन पर्व सदस्यता अभियान के अंतर्गत जैनामोड़ कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता किसान मोर्चा के बोकारो जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर महता ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू और प्रदेश महामंत्री अर्जुन सिंह उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को भाजपा से जोड़ना और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस रणनीति बनाना था। प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि भाजपा किसानों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके लिए ऐसे अवसर पैदा करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। संगठन पर्व सदस्यता अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से किसानों को पार्टी की नीतियों और योजनाओं से जोड़कर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। हमें हर किसान तक पहुंचना है और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि भाजपा उनके साथ खड़ी है। यह अभियान न केवल संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि किसानों की समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित करेगा।” प्रदेश महामंत्री अर्जुन सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा का लक्ष्य हर गांव और हर किसान तक अपनी नीतियों और योजनाओं को पहुंचाना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अभियान को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में सदस्यता अभियान को प्रभावी बनाने के लिए कई निर्णय लिए गए। पंचायत और मंडल स्तर पर विशेष सदस्यता शिविर लगाए जाएंगे। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को भाजपा से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, और अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, स्थानीय किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देकर हल करने का आश्वासन दिया गया। बैठक में बड़ी संख्या में किसान और कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने भाजपा के प्रयासों की सराहना की और संगठन पर्व सदस्यता अभियान को अपनी समस्याओं के समाधान की दिशा में सकारात्मक पहल बताया। किसानों ने इसे भाजपा के साथ जुड़ने का एक सुनहरा अवसर माना। बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि अभियान को सभी मंडलों और गांवों तक पहुंचाने के लिए विशेष समितियां गठित की जाएंगी और नियमित संवाद के लिए नए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भाजपा किसान मोर्चा की यह बैठक संगठन को मजबूत करने और किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है। संगठन पर्व सदस्यता अभियान भाजपा की नीतियों और योजनाओं को हर किसान तक पहुंचाने और उनकी समस्याओं के समाधान का मंच प्रदान करने का माध्यम बनेगा।

Scroll to Top